ऊँचाइयों पर वे ही पहुँचते है, जो प्रतिशोध से हटकर परिवर्तन की सोच को अपनाते है | Bk Shivani
ज़िंदगी मैं ऊँचा उठने के लिए, किसी डिग्री की जरूरत नहीं, अच्छे शब्द ही इंसान को बादशाह बना देते है | Bk Shivani
बाप :- रे छोरे आज तलक तने कोय ऐसा काम किया है, जिसते मेरा सर ऊँचा हुआ हो | छोरा :- रे बापू भूल गया , इक बार थारे सर के नीचे तख़िया ना लगाया था , जिसते फेर थारा सर ऊँचा हो गया था |
दे सलामी इस तिरंगे को, जिस से तेरी शान हैं, सर हमेशा ऊँचा रखना इसका, जब तक दिल में जान हैं | “जय हिन्द जय भारत”
अगर आप अपना , विजन ऊँचा रखेंगे , तो आपका सिर , अपने आप उठा रहेगा I BK SHIVANI